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अनेकता म एकता
भारत एक ऐसी वशाल भू म,
जो आज़ाद क साँस ल रही ह,
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इसक असीम आबाद ,
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इस दश क मुख न व ह।
य द बना कसी कारण,
जा तवाद कया जाता ह,
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तो समाज सुधारक का अप ण,
थ हो जाता ह।
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ी ह समाज क अनमोल श ,
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जसक सहार दश क अखंडता रही ह,
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य द द वय क होती ह आदर स भ ,
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तो य पर अ याचार कस सही ह?
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एकता स हमार सपन का भारत र नह ,
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एक साथ मलकर हम सब यश को पा सकत ह,
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भाई-चार क साथ ही रहना ह सही,
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इस कार हम सब असंभव को भी संभव कर सकते ह।
By Avaneesh Aphale
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