Page 90 - ISS Profectus E Magazine
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अनेकता म एकता
                                                                                                 भारत एक ऐसी  वशाल भू म,
                                                                                                जो आज़ाद  क  साँस ल रही ह,
                                                                                                                                       े
                                                                                                                                                  ै
                                                                                                       इसक  असीम आबाद ,
                                                                                                                                             ै
                                                                                                             े
                                                                                                    इस दश क   मुख न व ह।
                                                                                                      य द  बना  कसी कारण,
                                                                                                     जा तवाद  कया जाता ह,
                                                                                                                                             ै
                                                                                                तो समाज सुधारक  का अप ण,
                                                                                                            थ हो जाता ह।

                                                                                                                                      ै
                                                                                                 ी ह समाज क  अनमोल श  ,
                                                                                                        ै
                                                                                           जसक सहार दश क  अखंडता रही ह,
                                                                                                                    े
                                                                                                                                                        ै
                                                                                                                े
                                                                                                     े
                                                                                          य द द वय  क  होती ह आदर स भ  ,
                                                                                                                               ै
                                                                                                                                              े
                                                                                                    े
                                                                                           तो    य  पर अ याचार कस सही ह?
                                                                                                                                         े
                                                                                                                                     ै
                                                                                                                                                     ै
                                                                                        एकता स हमार सपन  का भारत  र नह ,
                                                                                                       े
                                                                                                                 े
                                                                                   एक साथ  मलकर हम सब यश को पा सकत ह,

                                                                                                                                                           े
                                                                                             भाई-चार क साथ ही रहना ह सही,
                                                                                                            े
                                                                                                                े
                                                                                                                                            ै
                                                                            इस  कार हम सब असंभव को भी संभव कर सकते ह।


                                                                                                           By Avaneesh Aphale
                                                                                                                        IX E
                                                                                                                       89
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