Page 93 - ISS Profectus E Magazine
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व कौन ह?
                                                                                                             े

                                                                                                           व कौन ह, व कौन ह?

                                                                                                             े
                                                                                                                          े

                                                                                           जो झोपड़ी, ब ती ,क  घर और गाँव म रहत ह,
                                                                                                                        े
                                                                                                           व कौन ह, व कौन ह?


                                                                                                             े
                                                                                                                          े
                                                                                                 जो शहर  म रहकर ऐस काम करत ह,
                                                                                                                             े

                                                                                                                                          े
                                                                                                           े

                                                                                                   जसस हम  घ  और बदब आती ह।
                                                                                                                                  ू

                                                                                         य तो व ह जो हमार पास रहकर भी हमस  र रहत ह ,
                                                                                                                े
                                                                                           े

                                                                                                  े
                                                                                                                                         े

                                                                                        य तो शायद व ह जो हमस अपना  ख नह  बाँट पात ह।
                                                                                                                      े

                                                                                                        े
                                                                                          े
                                                                       य तो व ह  जनको हम दखकर उनका उपहास करत ह और उ ह इसान नह  समझत ह।


                                                                                                  े
                                                                        े
                                                                                                                                 े
                                                                               े
                                                                                         या यह वही भय मु  भारत और आ म नभ र भारत ह?
                                                                                                      जसक सपन गांधी जी न दख थ,                ै        े ं  े    े       ै  े
                                                                                                             े
                                                                                                                                  े
                                                                                                                                    े
                                                                                                                                       े
                                                                                                                                          े
                                                                                                                    े
                                                                                                      या यही हमार  ंथ  म  लखा ह?
                                                                                                                      े
                                                                                                                                         ै

                                                                                                    सं क त बचाओ! सं क त बचाओ!
                                                                                                                             ृ
                                                                                                          ृ
                                                                                            सबको एक समान समझकर अपना धम बचाओ,

                                                                                             चलो, भारत एक कदम  वकास क  ओर बढ़ाओ।
                                                                                       By Krish Tripathi IX D
                                                                                                                       92
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